कमजोर वैश्विक संभावनाओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था में आ रही है मजबूती- RBI
Indian Economy: कमजोर वैश्विक संभावनाओं के बीच सार्वजनिक क्षेत्र के कैपिटल एक्सपेंडिचर के साथ घरेलू उपभोग और निश्चित निवेश से भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है.
(Image- Reuters)
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Indian Economy: कमजोर वैश्विक संभावनाओं के बीच सार्वजनिक क्षेत्र के कैपिटल एक्सपेंडिचर के साथ घरेलू उपभोग और निश्चित निवेश से भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के एक बुलेटिन में यह दावा किया गया है. आरबीआई के ताजा बुलेटिन में ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ पर प्रकाशित एक लेख कहता है कि ग्लोबल इकोनॉमी के लिए नजरिया अनिश्चित बना हुआ है जो अलग-अलग क्षेत्रों में मैक्रो-इकोनॉमिक स्थितियों में विरोधाभास से प्रेरित है.
लेख के मुताबिक, अमेरिका में ‘गोल्डीलॉक्स’ (आर्थिक प्रणाली की आदर्श स्थिति) की उम्मीदें जोर पकड़ रही हैं जबकि चीन और यूरोप में सुस्ती को लेकर चिंता बनी हुई है. इसके मुताबिक, आक्रामक मौद्रिक सख्ती के असर में फैलाव हो रहा है और सेवा क्षेत्र भी आवास, बैंक उधारी एवं औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार में गिरावट का हिस्सा हो चुका है.
लेख के मुताबिक, वैश्विक प्रगति की दृष्टि के रूप में ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की सोच के साथ भारत की G20 अध्यक्षता और इससे मिले नतीजे उस परिवेश में अहम हो जाते हैं जहां वैश्विक आर्थिक गतिविधि तमाम क्षेत्रों में मैक्रो-इकोनॉमिक स्थितियों में द्वंद्व के साथ अपनी रफ्तार खोती जा रही है.
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घरेलू फैक्टर्स से बढ़ रही है ताकत
लेख में कहा गया है, कमजोर वैश्विक संभावनाओं के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था निजी खपत और मजबूत सार्वजनिक क्षेत्र के कैपिटल एक्सपेंडिचर के साथ निश्चित निवेश जैसे घरेलू चालकों की वजह से ताकत हासिल कर रही है. इसमें कहा गया है, आपूर्ति से जुड़ी प्रतिक्रियाएं सुधर रही हैं और प्रमुख मुद्रास्फीति (Inflation) भी अगस्त में एक महीने पहले के उच्चस्तर से कम हो गई.
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा (Michael Debabrata Patra) की अगुवाई वाली एक टीम ने यह लेख लिखा है. हालांकि, केंद्रीय बैंक ने कहा कि लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और उसके विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं. इस लेख में भारत के अंतरिक्ष प्रयासों को देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा गया है कि अंतरिक्ष उद्योग ने मौसम पूर्वानुमान, भू-वैज्ञानिक और समुद्र-विज्ञान अध्ययन, आपदा प्रबंधन और कृषि के अलावा देश की रक्षा और सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
आरबीआई बुलेटिन के लेख में चंद्रयान-3 (chandrayaan-3) और आदित्य एल1 (Aditya-L1) के सफल अंतरिक्ष अभियानों का भी उल्लेख किया गया है.
08:42 PM IST